Source: safalta
                                                                                                                                            
                                                                                                                                            
 कीमतों में बढ़ोतरी के साथ उर्वरक सब्सिडी हुई दोगुनी
                                                                                                                                                                                                                                                    
                                                                                                                                                                                                                            किसानों को कीमतों में तेज बढ़ोतरी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने वित्तवर्ष 2023 के लिए बजट स्तर से उर्वरक सब्सिडी को दोगुना करके 2.15 ट्रिलियन रुपए करने की घोषणा की है। पिछले 1 साल में यूरिया, डीएपी और m.o.p. की वैश्विक कीमतों में तेजी से उछाल के कारण यह कदम उठाया गया है।
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                
                                                                                                                                            
 डॉ जी हेमाप्रभा ने आईसीएआर-एसबीआई का कार्यभार संभाला
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                आईसीएआर-एसबीआई को संस्थान के अस्तित्व की एक सदी से भी अधिक समय में पहली महिला निदेशक मिली है। डॉक्टर जी हेमाप्रभा को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के अधीन कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड नई दिल्ली की सिफारिश पर साल 2024 तक आईसीएआर गन्ना प्रजनन संस्थान के निदेशक के रूप में अपॉइंट किया गया है।
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                
                                                                                                                                            
 रिस्पांसिबल स्टील प्रमाणन क्या है, और टाटा स्टील को क्यों दिया गया है
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                टाटा स्टील को जमशेदपुर झारखंड में अपनी तीन उत्पादन सुविधाओं के लिए जिम्मेदार स्टील प्रमाणन प्राप्त हुआ है। स्टील वर्क्स, ट्यूब डिवीजन और कोल्ड रोलिंग मिल प्रमाणन के साथ दुनिया भर में अन्य स्टील उत्पादक साइटों के समूह में शामिल हो गया है। यह टाटा स्टील के लिए ऐतिहासिक पल है और स्थिरता यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
 उत्तर प्रदेश पुलिस को मिला नया प्रतीक चिन्ह, जाने चिन्ह के बारे में विस्तार से
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                
                                                                                                                                            
 
                                                                                                                                            
                                                                                                                                            
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर राष्ट्र की 75 साल की अथक सेवा के सम्मान स्वरूप उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक देवेंद्र सिंह चौहान द्वारा यूपी पुलिस के प्रतीक चिन्ह को लॉन्च किया गया है और इसका विमोचन किया गया है। 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के लौह पुरुष की जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश पुलिस को एकजुट करने के लिए इस प्रतीक चिन्ह को लॉन्च किया गया है। इस प्रतीक चिन्ह को उत्तर प्रदेश पुलिस नियम 1986 के अध्याय 1 के अंतर्गत प्रस्तावित किया जा रहा है, जिसके तहत पुलिस महानिदेशक को वर्दी के पैटर्न को निर्धारित करने का अधिकार है।
                                                                                                                                            
                                                                                                                                            
 पश्चिम बंगाल की लक्ष्मीर भंडार योजना ने स्कोच पुरस्कार जीता है
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                
                                                                                                                                            
                                                                                                                                            
                                                                                                                                            
पश्चिम बंगाल सरकार की लक्ष्मीर भंडार योजना ने महिला और बाल विकास श्रेणी में एसकेओसीएच पुरस्कार जीता है। यह पुरस्कार सरकार के साथ-साथ राज्य की लगभग दो करोड़ महिलाओं के लिए एक मान्यता है जिन्होंने योजना द्वारा सशक्त बनाया गया है। लक्ष्मी भंडार योजना के तहत पश्चिम बंगाल सरकार ने 25 से 60 साल की आयु वर्ग में एक परिवार की महिला मुखिया को फाइनेंशियल हेल्प करने के लिए अगस्त 2021 में एक योजना की शुरुआत की थी इस योजना के अंतर्गत सामान्य जाति वर्ग की महिलाओं को हर महीने ₹500 और एससी एवं एसटी वर्ग की महिलाओं को लगभग ₹1000 हर महीने दिया जाता था। सरकार के सूत्रों ने यह कहा है कि राज्य सरकार इस योजना के लिए हर साल लगभग 11000 करोड़ रुपए खर्च करती है। बंगाल के जिले में जो लक्ष्मी भंडार योजना के तहत है उत्तर 24 परगना में सबसे अधिक लाभार्थी हैं। इसके बाद दक्षिण 24 परगना, उत्तर दिनाजपुर और हुगली हैं।